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कुछ खरगोशों की आंखें लाल क्यों होती हैं?

आपने देखा होगा कि कुछ खरगोशों (विशेषकर सफेद खरगोश) की आंखें लाल या गुलाबी होती हैं। यह अप्राकृतिक लगता है। लोकप्रिय पालतू जानवरों में से कोई भी, चाहे वह कुत्ते, बिल्ली, तोते आदि हों, इस विशेषता को साझा नहीं करते हैं। यह विशेषता इन खरगोशों को कुछ पालतू जानवरों के मालिकों के बीच लोकप्रिय बनाती है।

लेकिन इस तरह के अनूठे आंखों के रंगद्रव्य के अंतर्निहित कारण क्या हैं?

क्या यह स्वाभाविक है, या किसी अंतर्निहित बीमारी का लक्षण है?

चलिए पता करते हैं।

Table of Contents
  • कुछ खरगोशों की आंखों के लाल होने के कारण
  • लाल आंखों के नुकसान
  • लाल आंखों के फायदे
  • खरगोश की नस्लें जिनमे ऐल्बिनिज़म अक्सर पाया जाता है

कुछ खरगोशों की आंखों के लाल होने के कारण

अधिकतर यह विशेषता अल्बिनो खरगोशों (albino rabbits) द्वारा प्रदर्शित की जाती है। ऐसे खरगोश शुद्ध सफेद रंग के होते हैं - उनके फर, त्वचा और यहां तक कि आंखों में कोई रंगद्रव्य (यानी कोई मेलेनिन) नहीं होता है। तो, ऐसे खरगोशों की आंखें लाल या नीली होती हैं।

ऐल्बिनिज़म (Albinism) एक विरासत में मिला गुण है। ऐसे खरगोश टायरोसिनेस (tyrosinase) का उत्पादन नहीं कर सकते, एक एंजाइम जो अमीनो एसिड टायरोसिन (amino acid tyrosine) से मेलेनिन (melanin) को संश्लेषित करने में मदद करता है।

तो, सफेद एल्बिनो खरगोशों की आंखें लाल/रूबी रंग की होती हैं, किसी भी प्रकार के लाल रंग या लाल परितारिका के कारण नहीं। उसकी आंखें लाल दिखाई देती हैं क्योंकि परितारिका (iris) रंगद्रव्य (pigments) के बजाय उसकी रक्त वाहिकाओं से प्रकाश को परावर्तित करती है।

लाल आँखें किसी बीमारी की वजह से भी हो सकती हैं!

बिना सफेद फर वाले खरगोशों में ‘लाल आंखें’ केवल आंख के संक्रमण के कारण हो सकती हैं, जिसे चिकित्सकीय रूप से हाइपरमिया (Hyperemia, सूखी आंख) कहा जाता है। इसका मतलब है आंखों में लाली। यह आंख की रक्त वाहिकाओं में रक्त की बढ़ी हुई मात्रा के कारण हो सकता है, जो कुछ एलर्जी, बैक्टीरिया/फंगल संक्रमण, नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Conjunctivitis), या शायद ग्लूकोमा (Glaucoma) के कारण हो सकता है। यह किसी चोट के कारण भी हो सकता है, या दांत के अतिवृद्धि के कारण आंख में अंदर से जोर पड़ने के कारण भी हो सकता है। ऐसे मामलों में अपने पशु चिकित्सक से शीघ्रताशीघ्र मिलें। यह अंततः दृष्टि हानि का कारण बन सकता है।

ऐसे खरगोश कुछ अन्य लक्षण भी दिखा सकते हैं, उदा. आंखों में आंसू आना, आंखों के पास गंजापन (फर का झड़ना), सुस्ती/ढीला रवैया (दर्द/चिड़चिड़ेपन के कारण), सूजी हुई पलकें, आदि।

साथ ही, सभी सफेद खरगोशों की आंखें लाल नहीं होती हैं। यह याद रखियेगा। किसी सफेद अल्बिनो खरगोश की जन्म से ही लाल आँखें होंगी। यदि आपके पास एक सफेद खरगोश है जिसकी आँखें हाल ही में लाल दिखनी शुरू हुई हैं, तो यह निश्चित रूप से चिंता का कारण है। अपने पशु चिकित्सक से परामर्श करें और उन्हें बताएं कि आपके खरगोश की प्राकृतिक रूप से लाल आँखें नहीं थीं।

किसी भी सफेद खरगोश में संभवतः एल्बिनो जीन होगा। लेकिन यह दबा हुआ हो सकता है। किसी जीन के होने का मतलब यह नहीं है कि उस जीव में वह आनुवंशिक विकार होगा ही।

लेकिन प्रकृति की अधिकांश चीजों के पीछे एक विकासवादी (evolutionary) या उत्तरजीविता संबंधी (survival-related) तर्क होता है। तो, लाल आँख होने के फायदे और नुकसान क्या हैं?

लाल आंखों के नुकसान

वैसे तो अपने आप में लाल आंखें खराब नहीं होती हैं, लेकिन ऐसे खरगोशों में दृष्टि संबंधी कुछ समस्याएं होती हैं।

  • ऐसे खरगोश तेज रोशनी में दिक्कत महसूस करते हैं। उनकी दृष्टि छायादार स्थानों में बेहतर काम करती है, और वे ऐसी स्थितियों को पसंद करते हैं।
  • वस्तुएँ शुरू में उन्हें थोड़ी धुंधली दिखाई दे सकती हैं, जब तक कि वे ध्यान केंद्रित न करें।
  • अगर आपको लगता है कि ऐसे खरगोश अंधेरे में बेहतर देखेंगे तो आप गलत हैं! ऐसे खरगोशों की आंखों में कम छड़ें (rods) होती हैं (फोटोरिसेप्टर जो हमें अंधेरे में देखने में मदद करते हैं), और इसलिए वे अंधेरे में भी अच्छी तरह से नहीं देख सकते हैं। इसलिए, वे जंगल में एक आसान शिकार साबित होते हैं। संभवतः इसी कारणवश शायद आपको खुले जंगलों में बहुत सारे अल्बिनो खरगोश नहीं मिलेंगे।
  • चूंकि उनकी त्वचा पर कोई रंजकता (pigmentation) नहीं होती है, इसलिए वे UV किरणों, त्वचा कैंसर, सनबर्न (sunburn), आदि के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा वे अन्य सामान्य खरगोशों की तरह स्वस्थ होते हैं।

लाल आंखों के फायदे

खैर, लाल आंखों वाले अल्बिनो खरगोश अन्यथा बहुत स्वस्थ होते हैं। ऐल्बिनिज़म कोई बीमारी नहीं है जो अन्य खरगोशों या मनुष्यों में भी फैल जाये। तो, आप उन्हें पालतू जानवर के रूप में रख सकते हैं। बस रोशनी कम रखें और सूरज की रोशनी में उनको ज्यादा न जाने दें।

ऐसी अनुवांशिक स्थिति का मुख्य लाभ केवल यह है कि वे दुर्लभ हैं और अच्छे दिखते हैं - बेहद सफेद फर और लाल आंखों में एक दृश्य अपील होती है। इसलिए, कई खरगोश प्रेमी ऐसे खरगोशों को रखना पसंद करते हैं।

खरगोश की नस्लें जिनमे ऐल्बिनिज़म अक्सर पाया जाता है

कोई भी खरगोश ऐल्बिनिज़म से पीड़ित हो सकता है। हालांकि, यह दोष खरगोश की अधिकांश नस्लों में प्रचलित नहीं है, संभवत: दबे हुए रिसेसिव अल्बिनो जीन (suppressed recessive albino gene) के कारण।

पर, निश्चित रूप से कुछ खरगोश नस्लें हैं जो इस अनुवांशिक दोष को दूसरों की तुलना में अधिक प्रदर्शित करती हैं। इनमें से कुछ को नीचे सूचीबद्ध किया गया है:

  • हिमालयी खरगोश या रूसी खरगोश (Himalayan rabbit or Russian Rabbit)
  • कैलिफ़ोर्नियाई खरगोश (Californian Rabbits): वे हिमालय और चिनचिला के बीच की एक क्रॉस-नस्ल हैं।
  • फ्लोरिडा व्हाइट (Florida White)
  • जायंट अंगोरा (Giant Angora)
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