पोमेरेनियन और भारतीय स्पिट्ज के बीच अंतर
क्या आपके पास वाकई पोमेरेनियन हैं?
बहुत से लोग अक्सर Pomeranians और Indian Spitzs के बीच भ्रमित हो जाते हैं। अक्सर पालतू जानवरों की दुकानें हमें Pomeranians के नाम पर Indian Spitzs पिल्ले बेचती हैं, क्योंकि Pomeranians भारतीय स्पिट्ज की तुलना में थोड़ा अधिक महंगे होते हैं।
वास्तव में, जब मैं एक बच्चा था, मेरे पास कई वर्षों तक एक भारतीय स्पिट्ज था और हम सोचते थे कि वह पोमेरेनियन है। ऐसा नहीं है कि मैं शिकायत कर रहा हूं। व्यक्तिगत रूप से, मुझे पोमेरेनियन से ज्यादा इंडियन स्पिट्ज पसंद है। लेकिन फिर भी, एक दशक से अधिक समय तक कुत्ते को रखना और यह नहीं जानना कि वह कौन सी नस्ल का है, यह हास्यद्पद है!
आइए इन दो बहुत प्रसिद्ध और प्यारे छोटे कुत्तों की नस्लों पर कुछ प्रकाश डालें। सच कहूं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको कौन सा कुत्ता मिलता है, लेकिन आपको यह जानने का अधिकार है कि यह वास्तव में क्या है।
- पोमेरेनियन और भारतीय स्पिट्ज के बीच अंतरों की सूची
- पोमेरेनियन्स और भारतीय स्पिट्ज के बीच समानताएं
पोमेरेनियन और भारतीय स्पिट्ज के बीच अंतरों की सूची
दिखावट
पोमेरेनियन और भारतीय स्पिट्ज काफी हद तक एक जैसे दिखते हैं। हालांकि, उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। आइए एक नजर डालते हैं इन अंतरों पर:
- पोमेरेनियन छोटे आकार के कुत्ते हैं। इसकी तुलना में भारतीय स्पिट्ज आकार में थोड़े बड़े होते हैं। उन्हें छोटे से मध्यम आकार के कुत्ते कहा जा सकता है।
भारतीय स्पिट्ज मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
- छोटे भारतीय स्पिट्ज (Smaller Indian Spitz): इनकी ऊंचाई 8 से 10 इंच होती है। तो, वे लगभग पोमेरेनियन के आकार के समान हैं।
- ग्रेटर इंडियन स्पिट्ज (Greater Indian Spitz): इनकी ऊंचाई 15 से 18 इंच होती है।
पोमेरेनियन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
- कल्चर पोम (Culture pom) - इनकी ऊंचाई 7 से 10 इंच होती है।
- टॉय पोम (Toy pom) - ये आकार में और भी छोटे होते हैं।
- उनके चेहरे भी थोड़े अलग होते हैं। पोमेरेनियन का चेहरा छोटे आकार का होता है। यानी पोमेरेनियन का थूथन (नाक और मुंह) भारतीय स्पिट्ज की तुलना में छोटा होता है।
Pomeranian:
Indian Spitz:
पोमेरेनियन का फर आमतौर पर भारतीय स्पिट्ज की तुलना में मोटा होता है। इसके अलावा, जबकि भारतीय स्पिट्ज का फर आमतौर पर सफेद रंग का होता है, पोमेरेनियन में सफेद या भूरे-सफेद रंग का फर हो सकता है।
पोमेरेनियन की तुलना में भारतीय स्पिट्ज के कान लंबे और अधिक नुकीले होते हैं।
पोमेरेनियन जर्मनी और पोलैंड के पास के इलाके से हैं। वे मध्यम आकार के कुत्ते हुआ करते थे, लेकिन इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया ने उन्हें छोटे कुत्तों के साथ मेल करवाया, और इससे छोटे आकार के पोमेरेनियन पैदा हुए, जो अब हम देखते हैं। वास्तव में, पोमेरेनियन को जर्मन स्पिट्ज से संबंधित कहा जाता है।
भारतीय स्पिट्ज भी भारतीय मूल के नहीं हैं। वे भी जर्मन स्पिट्ज से संबंधित हैं। जब अंग्रेज भारत आए, तो वे अपने साथ कुछ जर्मन स्पिट्ज भी लाए। धीरे-धीरे ये कुत्ते भारत की स्थानीय जलवायु के अनुकूल हो गए और भारतीय स्पिट्ज बन गए।
1990 के दशक में जब भारत में कुत्तों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, तब भारतीय स्पिट्ज की लोकप्रियता बहुत बढ़ गई थी। उन्होंने “हम आपके हैं कौन?” (1994) जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में भी अभिनय किया।
कीमत
पोमेरेनियन, भारतीय स्पिट्ज की तुलना में थोड़ा अधिक महंगे होते हैं। हालांकि अंतर बहुत ज्यादा नहीं है। ये दोनों सस्ते कुत्तों की श्रेणी में ही आते हैं|
जबकि आप एक अच्छी गुणवत्ता वाला भारतीय स्पिट्ज केवल 4-6 हजार रुपये में प्राप्त कर सकते हैं (निम्न गुणवत्ता वाला इससे भी कम में), आपको कल्चर पोम (Culture pom) के लिए 6-10 हजार खर्च करना पड़ सकता है। कुछ पोमेरेनियन नस्लें (जैसे टॉय पोम) और भी अधिक महंगी हैं। टॉय पोम की कीमत करीब 18 से 22 हजार रुपये है।
हालाँकि, चूंकि ये दोनों कुत्ते की नस्लें भारत में बहुत आम हैं, आप इन्हें किसी मित्र या रिश्तेदार से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। तो, खरीदने की कोई जरूरत नहीं है। जहां तक संभव हो, हमें कुत्ते को खरीदने के बजाय, उसे गोद लेने की कोशिश करनी चाहिए।
चुस्ती-फुर्ती
चूंकि भारतीय स्पिट्ज आकार में बड़े होते हैं, लंबे पैरों के साथ, इसलिए वे तेज दौड़ते हैं। इसलिए, यदि आप एक ऐसा कुत्ता पसंद करते हैं जो खुले स्थानों में दौड़ सके और आपके साथ खेल सके, तो आपको भारतीय स्पिट्ज लेना चाहिए।
मेरा भारतीय स्पिट्ज मेरे साथ खेल के मैदानों और पार्कों में गेंद लाने का खेल खेला करता था। मैं एक बड़े मैदान के दूसरे छोर पर गेंद फेंकता था, और वह बिना किसी परेशानी के उसे ले आता था। उसे बस बाहर खेलने में मजा आता था।
पोमेरेनियन्स गोद वाले कुत्ते अधिक हैं, और इसलिए जब दौड़ने की बात आती है तो वे बहुत अच्छे नहीं होते हैं।
भौंकना
हालाँकि ये दोनों प्रकार के कुत्ते बहुत भौंकते हैं, लेकिन उनकी भौंक थोड़ी भिन्न होती है। पोमेरेनियन्स की तुलना में भारतीय स्पिट्ज ज्यादा जोर से भौंकते हैं। इसलिए, वे लोगों और जानवरों को डराने में अधिक सक्षम होते हैं।
हालांकि, अगर आप एक ऐसे अपार्टमेंट में रह रहे हैं जहां पड़ोसी आस-पास ही हैं, तो आपको पोमेरेनियन लेना चाहिए। भारतीय स्पिट्ज बहुत जोर से और बहुत ज्यादा भौंकते हैं। लगभग किसी भी भारतीय स्ट्रीट डॉग जितना जोर से।
पोमेरेनियन्स और भारतीय स्पिट्ज के बीच समानताएं
अब, आपने इन दो नस्लों के बीच अंतर करना सीख लिया होगा। परन्तु, इन कुत्तों की नस्लें अलग-अलग होने की तुलना में, समान अधिक हैं। आइए उनकी कुछ समानताओं को भी सूचीबद्ध करें।
दिखावट और प्रकर्ति
वे एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते दिखते हैं। दोनों बहुत सक्रिय और फुर्तीले कुत्ते हैं। इनका स्वभाव चंचल होता है और ये दिन भर ढेर सारी नटखट हरकतें करते रहेंगे।
ये कुत्ते काफी समझदार होते हैं। उन्हें आसानी से प्रशिक्षित किया जा सकता है। हालांकि मैंने कभी भी अपने भारतीय स्पिट्ज को अत्यधिक प्रशिक्षित नहीं किया, मैंने बस उसे कुछ बुनियादी चीजें सिखाईं - जैसे कि बैठो, आओ, जाओ, हाथ मिलाओ, आदि।
ये कुत्ते समूहों में रहना और दोस्त बनाना पसंद करते हैं। इसलिए, सुनिश्चित करें कि वे अन्य कुत्तों और मनुष्यों के साथ मेलजोल करें। मेरे कुत्ते ने कई आवारा कुत्तों से भी दोस्ती कर ली थी। यहां तक कि वे उसे हमलों से बचाते भी थे, और उसकी रक्षा करते थे।
मेरे अनुभव में, यदि आप उन्हें अकेला और बांधकर रखेंगे, तो वे दुखी हो जाएंगे, आसानी से चिड़चिड़े हो जाएंगे, और लोगों को काटने लगेंगे। मैं कभी-कभार ही अपने कुत्ते को बांधता था। उसे अपनी आजादी पसंद थी और मैं उसका सम्मान करता था। इसीलिए वह शायद इलाके का सबसे खुश कुत्ता था।
प्रहरी
हालांकि वे आपके घर की सुरक्षा के लिए बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं, जैसे कई गार्ड कुत्ते कर सकते हैं (जैसे जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, आदि)। लेकिन वे वॉच डॉग या अलार्म डॉग (प्रहरी) के रूप में बहुत अच्छी तरह से काम कर सकते हैं।
ये बहुत सतर्क कुत्ते हैं और थोड़ी से भी आवाज़ सुन सकते हैं। जब वे मुख्य द्वार पर कोई आवाज़ सुनते हैं, या किसी अजनबी को देखते हैं तो वे बहुत भौंकते हैं। इनकी भौंक भी काफी तेज होती है। यह चोरों को आसानी से भगा सकते हैं।
इसके अलावा, वे किसी भी व्यक्ति पर हमला करने से नहीं हिचकिचाएंगे, जो आपके घर में घुसपैठ करने की कोशिश करता है, या आप पर हमला करता है। वे अपने मालिकों से भावनात्मक रूप से बहुत जुड़े हुए होते हैं। लेकिन चूंकि वे इतने छोटे हैं, इसलिए उनका हमला कदाचित उतना अधिक प्रभावशाली सिद्ध न हो।
जीवनकाल
इन कुत्तों का जीवन काल समान सा ही होता है। अगर ठीक से देखभाल की जाए, तो दोनों 12 से 14 साल तक जीवित रह सकते हैं।
उपसंहार
अगर मैं आपकी जगह होता, तो इन दो कुत्तों की नस्लों के बीच चुनाव करने के लिए ज्यादा दिमाग नहीं लगाता। वे भिन्न कम और समान अधिक हैं। दोनों प्यारे, छोटे, खुशियों के सफेद बादल हैं।
इसके अलावा, आजकल कई प्रजनकों ने उन्हें एक साथ प्रजनन करवाना शुरू कर किया है। तो, इसकी काफी उच्च सम्भावना है कि आपको जो पिल्ला मिल रहा है वह थोड़ा पोमेरेनियन और थोड़ा भारतीय स्पिट्ज हो। ऐसे पिल्लों को वर्गीकृत करना बहुत कठिन हो जाता है।
बस एक स्वस्थ पिल्ला प्राप्त करें - या तो पोमेरेनियन या भारतीय स्पिट्ज। आपको अपने फैसले पर कभी पछतावा नहीं होगा। वे कुछ ही समय में आपके सबसे अच्छे दोस्त बन जाएंगे - हर जगह आपका पीछा करेंगे, नखरे दिखाएंगे, आपके घर वापस आने पर पागलों की तरह कूदेंगे (भले ही आप केवल कुछ मिनटों के लिए बाहर गए हों!)
और हाँ, वे दोनों बहुत नासमझ भी होते हैं। वे बहुत बेवकूफी भरे काम करते हैं। उन्हें लगता है कि वे बड़े आकार के कुत्ते हैं। मेरा इंडियन स्पिट्ज अपने आकार से तीन गुना कुत्तों पर हमला कर देता था। हालाँकि वह हमेशा, किसी भी लड़ाई में दूसरे कुत्तों से पिट ही जाता था, और हमें उसे बचाने के लिए बीच-बचाव करना पड़ता था। लेकिन वह बहुत जल्द सीखे गए पाठ को फिर से भूल जाता था। मैंने उसे आईना दिखाने की भी कोशिश की, ताकि उसे उसके आकार का कुछ अंदाज़ा मिल सके - कि वह कितना छोटा है, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ!
मुझ पर विश्वास करिये। वे जो कुछ भी करते हैं, वह आपको हसंने पर मज़बूर कर देता है!