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क्या भारत में तोते को पिंजरे में रखना गैरकानूनी है ? (Kya tote ko pinjre mein rakhna gairkanuni hai?)

इस सवाल का कोई सीधा हां या ना में जवाब नहीं है। हां, आप कुछ प्रकार के तोतों को पिंजरे में रख सकते हैं, लेकिन सभी को नहीं।

आप भारतीय जंगली तोतों को भारत में पालतू पंक्षी के रूप में नहीं रख सकते। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act), 1972 के तहत संरक्षित हैं। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है, और/या जेल भी हो सकती है (3 साल तक की कैद, 25,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों)। तोते की कुछ ऐसी नस्लें हैं: Indian Ringneck parrot, Indian hanging parrot, आदि।

जाहिर है, अगर आप उन्हें पालतू जानवर के रूप में भी नहीं रख सकते हैं, तो उन्हें पिंजरों में रखने का तो सवाल ही नहीं उठता। अगर आपके घर में कोई भारतीय तोता है, तो आप उन्हें जल्द से जल्द वन विभाग में जमा करें, या उन्हें छोड़ दें।

केवल वे तोते जो घरेलू पक्षियों के रूप में रखे जाने के लिए वैध हैं, उन्हें पिंजरों में रखा जा सकता है। इसमें विदेशी तोतों की नस्लें शामिल हैं, जैसे की Budgies, African Greys, आदि।

परन्तु, यदि हम उन्हें पिंजरे में रखते भी हैं, तो भी हमें उन्हें पर्याप्त जगह देनी चाहिए। जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम (Prevention of Cruelty to Animals, PCA) अधिनियम, 1960 के तहत, किसी भी जानवर (या पक्षी) को ऐसे पिंजरे में कैद करना अवैध है, जो जानवर को चलने-फिरने के उचित अवसर की अनुमति न दे, अर्थार्थ वो बहुत छोटा नहीं होना चाहिए।

Table of Contents
  • पक्षियों को पिंजरे में रखने के विषय पर भारतीय न्यायालयों का दृष्टिकोण
  • तोतों को पिंजरों में रखने के दुष्परिणाम
  • क्या हम तोते को बिना पिंजरे के रख सकते हैं?

पक्षियों को पिंजरे में रखने के विषय पर भारतीय न्यायालयों का दृष्टिकोण

भारतीय न्यायालयों ने भी समय-समय पर पक्षियों (तोतों सहित) को पिंजरे में रखने के विषय पर अपने विचार रखे हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय के अनुसार, पक्षियों को “गरिमा के साथ जीने (live with dignity)” का मौलिक अधिकार है। इसमें आकाश में उड़ने का अधिकार शामिल है, न कि पिंजरों तक सीमित रहना।

यह निर्णय 2015 में दिया गया था। हालांकि, जहां तक हम समझते हैं, इसे सामान्य रूप से लागू नहीं किया गया है, क्योंकि यह कानून नहीं है। यह सिर्फ एक मामले में दिया गया एक अवलोकन था, जहां दिल्ली में एक आदमी से कुछ पशु NGO द्वारा कुछ पक्षियों को जब्त किया गया था।

हम अभी भी मुर्गियों और मुर्गियों जैसे अन्य पक्षियों को बहुत छोटे पिंजरों में बंद रखे हुए देखते हैं, और वो नियमित रूप से मारे भी जाते हैं। शायद “गरिमा के साथ जीने (live with dignity)” की बात उन पर लागू नहीं होती।

इसलिए, हमारी समझ यह है कि हम पक्षियों को पिंजरों में रख सकते हैं। लेकिन उन्हें भारतीय जंगली नस्ल का नहीं होना चाहिए। यह बात तोते या किसी अन्य पक्षी पर भी लागू होती है।

नोट

हाल ही में, एनिमल वेलफेयर बोर्ड (Animal Welfare Board) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षियों को पिंजरे में बंद न करने के सम्बन्ध में एक सलाह (advisory) जारी की है (जून 2021 में)। यह सलाह गुजरात और दिल्ली उच्च न्यायालयों के आदेशों पर आधारित थी।

अब हम तोते को पिंजरे में बंद करने की कानूनी स्थिति पर स्पष्ट हैं। आप ऐसा कर सकते हैं। लेकिन अभी भी दो सवाल बाकी हैं:

  • क्या हमें ऐसा करना चाहिए?
  • क्या वाकई हमें ऐसा करने की ज़रूरत है?

आइए इन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश करते हैं।

तोतों को पिंजरों में रखने के दुष्परिणाम (Toton ko pinjre mein rakhne ke nuksan)

क्या हमें तोतों को पिंजरों में रखना चाहिए?

यह कानूनी सवाल से ज्यादा नैतिक सवाल है। कारावास के अक्सर गहरे मनोवैज्ञानिक प्रभाव होते हैं। क्या आप अपनी इच्छा के विरुद्ध कुछ घंटों के लिए भी अपने कमरे में कैद रहना पसंद करेंगे?

कई तोते गंभीर रूप से अवसादग्रसित हो जाते हैं। वे अपने स्वयं के पंखों को नोचना शुरू कर देते हैं, खुद को चोट पहुँचाते हैं, दूसरों पर हमला करते हैं, आदि। पंख कभी वापस बढ़ भी जाते हैं, और कभी-कभी नहीं भी।

तोते सक्रिय सामाजिक प्राणी हैं। उन्हें दूसरों के साथ मेल-जोल करने की जरूरत होती है, उन्हें खेलने की जरूरत होती है, आदि। उनके पास एक सक्रिय मस्तिष्क होता है और इसलिए उन्हें व्यस्त रखने की जरूरत है।

तोते अकेले रहने से नफरत करते हैं। यह देखा गया है कि पिंजरे में तोते 1-2 साल के भीतर मर भी जाते हैं, अगर देखभाल ठीक से न की जाए।

अगर आप अपने तोते को पिंजरे में रख रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप उसे कुछ घंटों के लिए खुला भी छोड़ें। उसे एक कमरे में चारों ओर खेलने दें। और सुनिश्चित करें कि आपके तोते का पिंजरा इतना बड़ा हो कि वह इधर-उधर कूदा-कादी और खेलकूद कर सके।

कुछ मालिक उन्हें खुले में उड़ने का मौका भी देते हैं। अगर आपने अपने तोते के साथ भावनात्मक बंधन बना लिया है, तो वह उड़कर भागेगा नहीं। वह हमेशा आपके पास वापस आ जायेगा। हालांकि, यदि आप अपने तोते को खुले में ले जा रहे हैं, तो आपको शिकारी पक्षियों से सावधान रहना चाहिए।

कुछ लोग इसके कारण बहुत तनाव महसूस करते हैं - वे हमेशा डरते हैं कि उनका तोता किसी खुले दरवाजे से उड़कर भाग जायेगा और मारा जायेगा, या खुद को किसी तरह की चोट लगवा लेगा। लेकिन आप अपने तोते को धीरे-धीरे करके खुले में उड़ने की ट्रेनिंग दे सकते हैं।

कृपया हर तोते को एक जैसा न समझें। हर तोते का एक अलग व्यक्तित्व होता है, बिल्कुल इंसानों की तरह - यहाँ तक कि एक ही नस्ल के तोते भी अलग-अलग हो सकते हैं। किसी को दूसरों की तुलना में स्वतंत्रता अधिक पसंद होती है, किसी को दूसरों की तुलना में बाकियों की संगति अधिक पसंद होती है (उनके मालिक या अन्य तोतों की)।

नोट

मैं व्यक्तिगत रूप से अपनी स्वतंत्रता से प्यार करता हूं, और इसलिए मैं चाहता हूं कि सभी मनुष्यों और जानवरों को भी यह मिले। यह कीमती होती है।

मेरा एक दोस्त है जो पिंजरे में बंद पक्षियों को खरीदता है (जो उम्र में थोड़े बड़े होते हैं, और जिनका कोई खरीदार नहीं है), और उन्हें जंगल में छोड़ देता है। ऐसा वह साल में एक या दो बार करता है। हालांकि मैं इसका समर्थन नहीं करता, क्योंकि पक्षियों को खरीदने से उस उद्योग को बढ़ावा मिलता है जो उन्हें जंगल से पकड़ता है या उन्हें अमानवीय रूप से पैदा करवाता है।

लेकिन यह एक जटिल सामाजिक समस्या है, जैसे भिखारियों को पैसे देने या न देने का निर्णय। प्रत्येक व्यक्ति को सही नैतिक निर्णय स्वयं लेना होगा, अपनी समझ के मुताबिक।

अब हम दूसरे प्रश्न का उत्तर देते हैं। क्या हमें अपने तोतों को पिंजरों में रखने की जरूरत भी है? क्या हम उन्हें यूँ ही आज़ाद नहीं रख सकते?

क्या हम तोते को बिना पिंजरे के रख सकते हैं? (Kya toton ko bina pinjre ke rakha ja sakta hai?)

जी, बिल्कुल आप कर सकते हैं। कई तोते के मालिक हैं जिन्हें अपने पक्षियों को पिंजरों में रखने का विचार पसंद नहीं है। और इस जीवन शैली के कुछ फायदे भी हैं:

  • आपको अपने तोते के साथ मेल-जोल करने का बहुत अधिक अवसर मिलेगा। यह जब भी चाहेगा, आपके पास आ जायेगा, किसी पिल्लै या बिल्ली की तरह। एक आज़ाद तोता, एक खुश तोता होता है।
  • वे आसानी से उड़ना सीख जाते हैं।

हालाँकि, यहाँ कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

अगर आप अपने तोते को पिंजरे में नहीं रखते हैं, तो भी आपको उन्हें शिकारी पक्षियों और कुत्तों और बिल्लियों जैसे अन्य जंगली जानवरों से बचाने की आवश्यकता तो होगी ही। इसके लिए आप उन्हें एक कमरे तक सीमित रख सकते हैं, या अपने घर के पिछवाड़े में एक बाहरी बड़ा पिंजरा बनवा सकते हैं (यदि आप इसे वहन कर सकते हैं)। वे अभी भी पिंजरे जैसी व्यवस्था में ही होंगे, लेकिन वो आकार में बहुत बड़े होंगे। तो, आपके तोतों को जब चाहें इधर-उधर उड़ने को मिलेगा। यह पारंपरिक छोटे पिंजरों की तुलना में बहुत अधिक अच्छा और मानवीय विकल्प होगा।

लेकिन आपको फिर भी उन छोटे पिंजरों की भी आवश्यकता होगी। आपको अपने तोते को इधर-उधर ले जाने के लिए इसकी आवश्यकता होगी। जैसे की हो सकता है कि आप उसे यात्रा पर साथ ले जा रहे हों, या पशु चिकित्सक के पास ले जा रहे हों।

कभी-कभी, हमारे घर मेहमान आते हैं और तोतों में हमला करने की प्रवृत्ति होती है - काटने, खरोंचने की। कुछ तोते की नस्लें दूसरे पालतू जानवरों पर भी हमला करती हैं। इसलिए, कभी-कभी आपको दूसरों को उनसे बचाने के लिए उन्हें पिंजरे में बंद करना पड़ सकता है।

इसके अलावा, यदि आप अपने तोते को हमेशा पिंजरे से बाहर रखते हैं, तो वे बहुत गंदगी पैदा करेंगे - हर जगह उनका खाना और मल पड़ा मिलेगा। अतः, आपको अपने पालतू पक्षी को एक स्वतंत्र जीवन शैली देने, और अपने घर में फैलती गंदगी के बीच कठिन निर्णय लेना पड़ सकता है - हो सके तो मध्यम मार्ग अपनाएं।

अतः, आप अपने तोतों को पिंजरों तक सीमित किए बिना रख सकते हैं। यही सही तरीका भी है। लेकिन कुछ विशाल और आरामदेह पिंजरों को जरूर खरीदें। आपको यदा-कदा उनकी आवश्यकता पड़ेगी।

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