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क्या बिल्लियां इंसानों में बीमारी पैदा कर सकती हैं?

सरल और संक्षिप्त उत्तर हां है। बिल्लियाँ मनुष्यों में विभिन्न प्रकार के जूनोटिक रोगों (zoonotic diseases) का कारण बनती हैं। वास्तव में, इस पहलू में बिल्लियाँ अन्य पालतू जानवरों (जैसे कि कुत्ते, या तोते) की तुलना में अधिक खतरनाक होती हैं।

यदि आप बिल्ली को पसंद करने वाले व्यक्ति हैं, तो यह सच्चाई आपको हत्तोत्साहित कर सकती है। हालांकि, यदि आप उचित स्वच्छता बनाए रखते हैं (बिल्ली, अपनी, और घर की), और आवश्यक सावधानी बरतते हैं, तो आप इन चिकित्सा खतरों में से अधिकांश से आसानी से बचे रहेंगे।

लेकिन बिल्ली के मालिक होने के संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को जानना, उनसे बचने की दिशा में पहला कदम है। तो, इस लेख में दी गयीं जानकारियों को अवश्य पढ़ें!

Table of Contents
  • Murine Typhus
  • Cat Scratch Disease
  • Tapeworms
  • Mycoplasma haemofelis
  • Salmonellosis
  • Protozoa parasites

बिल्लियों से इंसानों को होने वाले जूनोटिक रोग

हममें से कुछ लोगों को बिल्ली के बालों से एलर्जी होती है। लेकिन यह आसानी से पता लगाया जा सकता है और शायद ऐसे लोग बिल्ली पालेंगे ही नहीं। इसलिए, हम यहां इसकी चर्चा नहीं करेंगे।

असली खतरा तब होता है जब हम किसी पालतू जानवर के मालिक होते हैं और किसी तीसरे पक्ष के कारण बीमार हो जाते हैं। बिल्लियाँ कई तरह के कीटाणु और परजीवी ले आती हैं जो इंसान को बीमार कर सकते हैं। यह स्थिति कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। तो, आइए कुछ जीवों पर नज़र डालें, जो हमारी बिल्ली में या उसके बालों में रहते हैं, और वे बीमारियां जो उनके कारण हो सकती हैं (हमारा ध्यान, बिल्लियों की तुलना में मानव रोगों पर अधिक होगा)।

मरीन टाइफस (Murine Typhus)

यह रोग रिकेट्सिया टाइफी (Murine Typhus) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो कुछ पिस्सू संक्रमित चूहों के मल में पाया जाता है। यदि आपकी बिल्ली ऐसे चूहों के संपर्क में आती है, तो वह भी इन पिस्सू से संक्रमित हो सकती है, जो बदले में आपको काट सकते हैं।

रिकेट्सिया टाइफी बैक्टीरिया, पिस्सू के काटने से बने घाव से या जब आप अपनी त्वचा को खरोंचते हैं, तो आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

मरीन टाइफस रोग के कारण सिरदर्द, बुखार, जी मिचलाना और शरीर में दर्द हो सकता है। आप अपने शरीर पर चकत्ते देखेंगे।

यदि जल्दी पता चल जाता है, तो एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करके इसका इलाज किया जा सकता है।

बिल्ली खरोंच रोग (Cat Scratch Disease)

यह रोग बार्टोनेला हेंसेले (Bartonella henselae) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो अधिकांश बिल्लियों में पाया जाता है। यह हो सकता है कि वे इस बीमारी के लक्षण भी न दिखाएं, और केवल एक वाहक के रूप में कार्य करें। यह मूल रूप से बिल्ली के पिस्सू के कारण होता है। जब एक बिल्ली अपने पिस्सू प्रभावित क्षेत्र को खरोंचती है, तो ये बैक्टीरिया उसके मुंह में और उसके नाखूनों के नीचे जमा हो जाते हैं।

यदि कोई बिल्ली किसी इंसान की त्वचा को खरोंचती है या काटती है, या किसी खुले घाव वाले क्षेत्र या पपड़ी, या आंखों जैसे क्षेत्रों में चाटती है, तो यह जीवाणु हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है। हाल ही में, अमेरिका के ओहायो (Ohio) में एक महिला की एक आंख की रोशनी चली गई, जब उसकी बिल्ली ने उसे आंख पर चाटा।

5 साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

टैपवार्म (Tapeworms)

यह रोग एक परजीवी (जो अंततः हमारी आंत में बढ़ता है) के कारण होता है, और यह आमतौर पर बिल्लियों, कुत्तों और मनुष्यों में देखा जाता है। बिल्लियाँ, पिस्सू या टैपवार्म से संक्रमित चूहों को निगल सकती हैं। ऐसे पिस्सू इन परजीवियों को सीधे हममे भी स्थानांतरित कर सकते हैं।

सौभाग्य से, टैपवार्म का उपचार बहुत आसान है। बाजार में कई दवाएं उपलब्ध हैं, जो या तो आंत में ही टैपवार्म को घोल देती हैं, या उन्हें हमारे मल के रास्ते बाहर कर देती हैं।

नोट

हम कई अन्य परजीवी भी बिल्लियों से प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि मानव खुजली घुन (human itch mite, सरकोप्ट्स स्कैबी), गोल कीड़े (Round worms), हुक कीड़े (Hook worms), आदि।

माइकोप्लाज्मा हीमोफेलिस (Mycoplasma haemofelis)

यह रोग एक परजीवी के कारण होता है। यह पिस्सू, टिक्स या मच्छरों के माध्यम से बिल्लियों को प्रेषित किया जा सकता है। ऐसे टिक और पिस्सू हमें काट भी सकते हैं और इस परजीवी को हमारे शरीर में स्थानांतरित कर सकते हैं।

यह परजीवी खुद को हमारी लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) से जोड़ लेता है, जो हमारी अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का खुद हमारे RBCs पर हमला करने का कारण बनता है। इससे RBCs की संख्या में कमी आती है और हमको एनीमिया (anaemia) होता है।

हालांकि, यह रोग मनुष्यों की तुलना में बिल्लियों में अधिक प्रचलित है। केवल कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग ही इस रोग के प्रति संवेदनशील होते हैं।

साल्मोनेलोसिस (Salmonellosis)

साल्मोनेलोसिस (Salmonellosis), साल्मोनेला (Salmonella) नामक बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है। यह बैक्टीरिया बिल्लियों समेत कई जानवरों की आंतों में पाया जाता है। यह वहां पहुंच जाता है यदि आपकी बिल्ली इस बैक्टीरिया से संक्रमित कच्चा मांस खाती है। इसलिए हमें अपनी बिल्ली को कच्चा मांस खिलाने से बचना चाहिए।

इसके बाद बिल्लियाँ इस बैक्टीरिया को अपने मल में भेजती हैं। यह हमारे भोजन और अन्य परिवेश को दूषित कर सकता है और हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है (हालाँकि हम इसे सीधे मांस या अंडे से भी प्राप्त कर सकते हैं)। इसलिए, अपनी बिल्ली के कूड़े के डिब्बे (litter box) को साफ करने के बाद हमेशा अपने हाथ अच्छे से धोएं।

प्रोटोजोआ परजीवी (Protozoa parasites)

यदि हम बिल्ली के मल के संपर्क में आते हैं तो हम कुछ प्रोटोजोआ परजीवियों के संपर्क में आ सकते हैं। इनमें से कुछ प्रोटोजोआ परजीवी हैं: क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस/cryptosporidiosis (दस्त का कारण बनता है), गियार्डियासिस/giardiasis (दस्त का कारण बनता है), टोक्सोप्लाज्मा/toxoplasma (शरीर में दर्द, सिरदर्द, बुखार का कारण बनता है)।

गर्भवती महिलाओं के लिए टोक्सोप्लाज्मा (Toxoplasma) एक अधिक गंभीर खतरा है, और इसलिए यदि आप गर्भवती हैं तो अपनी बिल्ली के कूड़े के डिब्बे (litter box) के पास जाने के बारे में सोचें भी न। अपने परिवार के अन्य लोगों को उसकी सफाई करने दें।

नोट

ऊपर दी गई सूची किसी भी तरह से संपूर्ण नहीं है। ये केवल कुछ सबसे आम बीमारियां हैं, जिन्हें मनुष्य बिल्लियों से प्राप्त करने के लिए जाने जाते हैं।

उपसंहार

इस लेख का उद्देश्य आपको बिल्ली के मालिक होने के संभावित छिपे हुए खतरों के बारे में सूचित करना था। हालांकि, ये रोग दुर्लभ हैं, और इसलिए बहुत अधिक घबराने की आवश्यकता नहीं है।

बस सुनिश्चित करें कि आप आवश्यक सावधानी बरतें। अपनी बिल्ली को नियमित रूप से धोएं, अपने पालतू और घर को कीटाणुरहित रखें, खाना खाने से पहले हमेशा अपने हाथ धोएं, अपनी बिल्ली द्वारा चाटने से बचें, अगर आपकी बिल्ली खरोंचती है तो आप उस हिस्से को साबुन से धो लें और कुछ एंटीसेप्टिक लगा लें, कूड़ेदानी आदि की सफाई करते समय दस्ताने उपयोग करें।

याद रखें, सावधानी हमेशा इलाज से बेहतर होती है!

बिल्लियों के दांत और नाखून बहुत तेज होते हैं, और वे हमारे शरीर में परजीवी और बैक्टीरिया को काफी गहराई तक घुसा सकती हैं। बिल्ली का काटना और खरोंचना गंभीर होता है (कुत्ते के काटने से भी ज्यादा)। इसलिए, जैसे ही आपको बिल्ली काटती है, उस क्षेत्र को अच्छी तरह से धो लें, और जाकर डॉक्टर को दिखाएं। वे शायद आपको कुछ एंटीबायोटिक दवाएं देंगे।

हालाँकि, अगर आपके पास बिल्ली नहीं भी है, तो भी ये बीमारियां आवारा बिल्लियों के जरिए आपके घर तक आ सकती हैं। ये बिल्लियाँ अक्सर हमारे लॉन और बगीचों में पेशाब और शौच करती हैं, और हमारे बच्चे इसके संपर्क में आ सकते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बच्चे हर तरह का सामान अपने मुंह में डालते हैं और बार-बार हाथ धोने की जहमत भी नहीं उठाते। इसलिए हम बड़ों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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