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भारत में कुत्तों की कौन सी नस्लें प्रतिबंधित हैं? (bharat mein kutton ke pratibandhit naslein)

यदि आप यह जानना चाहते हैं कि भारत में कुत्तों की किन नस्लों को कानूनी रूप से प्रतिबंधित किया गया है, तो इसका उत्तर सरल है - कोई भी नहीं! भारतीयों को किसी भी नस्ल के कुत्ते रखने में कोई प्रतिबंध नहीं है, और न ही किसी पंजीकरण की आवश्यकता है।

हालांकि भारत ने विदेशी नस्ल के कुत्तों की आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन अगर आप पहले से ही किसी विदेशी नस्ल के कुत्ते के मालिक हैं, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जायेगा।

लेकिन कई अन्य देशों में इसको लेकर काफी प्रतिबंध हैं। विभिन्न देशों में कुत्तों की कुछ नस्लों (जैसे पिट बुल्स, रोट्वीलर्स, अमेरिकन बुलडॉग, जर्मन शेफर्ड, अर्जेंटीना डोगोस, डोबर्मन पिंसर, जापानी टोसा इनस, आदि) पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन्हें पालतू कुत्ते के रूप में नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि इन्हें खतरनाक माना जाता है। इसी तरह, कुछ स्थानों पर कुछ नस्लों को केवल संरक्षण के लिए फार्महाउस पर रखा जा सकता है, न कि घरों में। कुछ जगहों पर पग जैसे छोटे कुत्तों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारत में ऐसा नहीं है। भारतीय सरकारें ज्यादातर इन्हें पालने या न पालने के निर्णय को इन पालतू जानवरों के मालिकों के विवेक पर छोड़ देती हैं।

Table of Contents
  • कुत्ते की नस्लें जो भारत में प्रतिबंधित होनी चाहिएं
  • क्या भारत में पिटबुल कुत्ते प्रतिबंधित हैं?
  • क्या भविष्य में भारत में कुछ कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है?

कुत्ते की नस्लें जो भारत में प्रतिबंधित होनी चाहिएं (kutton ki naslein jo bharat mein pratibandhit honi cahiyein)

हालांकि भारत में किसी भी प्रकार के कुत्ते को पालना कानूनी है, लेकिन कुत्तों की कुछ नस्लों पर अधिमानतः कुछ प्रतिबंध होना चाहिए। इसके पीछे जो कारण हैं, वो जलवायु से या सुरक्षा विषय से सम्बंधित हो सकते हैं।

आइये जानते हैं कि आपको किन कुत्तों को भारत में पालतू जानवर के रूप में लेने से बचना चाहिए और क्यों ।

शीत जलवायु कुत्ते

कुछ कुत्ते जैसे अलास्का मलम्यूट, सेंट बर्नार्ड और साइबेरियन हस्की केवल ठंडी जलवायु के लिए उपयुक्त हैं, क्योंकि उनके फर (बाल) काफी भारी होते हैं। यदि उन्हें भारत के कुछ गर्म और आर्द्र क्षेत्रों में रखा जाता है, तो इन नस्लों को काफी तकलीफ होगी। हालांकि इन्हें देश के ठंडे भागों में रखा जा सकता है, लेकिन ऐसा करने पर लोगों द्वारा उन्हें अन्य गर्म क्षेत्रों में स्थानांतरित करने से रोकना कठिन होगा।

खतरनाक कुत्ते

Rottweiler जैसे कुत्ते बहुत खतरनाक होते हैं, खासकर यदि वे ठीक से प्रशिक्षित नहीं हुए हैं। भारत में लोग अपने कुत्तों को पेशेवर रूप से प्रशिक्षित करने के लिए बहुत उत्सुक नहीं रहते हैं। बल्कि कुत्ते सिर्फ एक स्टेटस सिंबल समझे जाते हैं और कुछ लोग सोचते हैं कि क्रूर, बड़ा और लड़ाका कुत्ते का मालिक होना गर्व की बात है।

अक्सर लोगों को बहुत कम समय में इन कुत्तों को संभालने में मुश्किल होने लगती है, और ये कुत्ते किसी आश्रय स्थल या सड़कों पर फेंक दिए जाते हैं।

क्या भारत में पिटबुल कुत्ते प्रतिबंधित हैं? (kya bharat mein pitbull kutte pratibandhit hein?)

जवाब है नहीं ! भारत में पिटबुल कुत्ते के मालिक होने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि यह एक घातक कुत्ता है और ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पिटबुल ने हमला किया है और यहां तक ​​कि लोगों को मार भी डाला है, जिसमें उनके मालिक भी शामिल हैं। यदि आपके पास एक परिवार है तो पिटबुल के मालिक होने के विचार को छोड़ दें।

इसके अलावा, केनेल क्लब ऑफ इंडिया (केसीआई) के कागज़ों पर पिटबुल कुत्तों की कोई भी नस्ल पंजीकृत नस्लों में से नहीं है।

क्या भविष्य में भारत में कुछ कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है? (kya bhavishya mein bharat mein kuch kutton par pratibandh lag sakta hai?)

चंडीगढ़ नगर निगम, वर्ष 2019 में पालतू कुत्तों की खतरनाक नस्ल जैसे रॉटवीलर और पिटबुल पर प्रतिबंध लगाने के लिए विचार-विमर्श कर रहा था। ऐसा विचार राष्ट्रीय डॉग सम्मेलन में भी प्रस्तावित किया गया था। अतः हम यह कह सकते हैं कि, कुछ क्रूर गार्ड कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने का विचार विभिन्न संगठनों में चल रहा है।

ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि इन गार्ड कुत्तों द्वारा हमलों और यहां तक ​​कि हत्याओं के कुछ मामले सामने आये हैं। इसलिए, अगर राष्ट्रीय स्तर पर नहीं तो कुछ नगरपालिका स्तर के स्थानीय संगठनों द्वारा भविष्य में ऐसी नस्लों पर प्रतिबंध लगाए जाने पर आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।

उपसंहार

भारत में अब तक किसी भी नस्ल पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। पर आने वाले समय में कुछ नस्लों पर प्रतिबंध लगने की उम्मीद की जा सकती है।

अगर ऐसा कोई प्रतिबंध लगाया भी जाता है, तो भी यह उन लोगों को प्रभावित नहीं करेगा, जिन्होंने पहले से ही इस तरह के कुत्ते / पिल्ले को अपनाया है या खरीदा है। कुत्तों के मालिकों के पास जो कुत्ते पहले से ही हैं, उन्हें उनके जीवन काल तक रखने की अनुमति होगी। लेकिन ऐसे कुत्तों का कोई नया पंजीकरण नहीं किया जाएगा।

प्रतिबन्ध हो या न हो, लेकिन हमें ठंडी जलवायु वाली नस्लों (यदि हम गर्म क्षेत्रों में रह रहे हैं) और कुछ घातक नस्लों को खरीदने से बचना चाहिए।

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