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क्या हम भारत में देसी पिल्ले को पाल सकते हैं? (Kya hum Desi pille paal sakte hein?)

मूल रूप से दो प्रकार के प्रश्न हैं जिनका हमें यहां उत्तर देना है।

  • क्या हम भारत में देसी सड़क के पिल्ले या कुत्ते को गोद ले सकते हैं? - कानूनी मुद्दे
  • क्या हमें भारत में देसी सड़क के पिल्ले या कुत्ते को अपनाना चाहिए? - व्यावहारिक मुद्दे

हम इन पर विचार करने की कोशिश करेंगे, और इस लेख में इन दोनों सवालों के जवाब देंगे।

Table of Contents
  • क्या हम भारत में देसी पिल्ले या कुत्ते को गोद ले सकते हैं?
  • देसी पिल्ले/कुत्ते को अपनाने के फायदे और नुकसान

क्या हम भारत में देसी पिल्ले या कुत्ते को गोद ले सकते हैं?

इसका जवाब निश्चित रूप से हाँ है!

हम निश्चित रूप से भारत में स्ट्रीट पपी या स्ट्रीट डॉग को गोद ले सकते हैं। यह बिल्कुल कानूनी है, और एक अच्छी बात है।

यदि आप वास्तव में कुत्तों को चाहते हैं, तो कुत्ते की नस्ल आपके लिए ज्यादा मायने नहीं रखेगी। हम कुत्तों को उनके स्वभाव, नटखटपन और चंचलता के कारण प्यार करते हैं, है ना! परन्तु, यदि आप कुत्ते को किसी सजावट की वस्तु के रूप में, या एक वैभव-प्रतीक (status symbol) के रूप में चाहते हैं, तो अलग बात है।

हम समझते हैं कि विभिन्न कुत्तों की नस्लें, उनके स्वभाव और व्यवहार में थोड़ी भिन्न होती हैं, और उसमें भी जिस तरह से वे दिखते हैं। अलग-अलग लोग अलग-अलग तरह के कुत्तों को पसंद करते हैं। कुछ लोग गोल्डन रिट्रीवर्स (Golden Retrievers) पसंद करते हैं, कुछ जर्मन शेफर्ड (German Shepherds) पसंद करते हैं, कुछ पोमेरेनियन (Pomeranians), आदि।

हालाँकि, भारतीय स्थानीय स्ट्रीट डॉग (देसी कुत्ते) इन अन्य विदेशी कुत्तों की नस्लों से किसी भी तरह से कम नहीं हैं। वे किसी भी अन्य कुत्ते की तरह आकर्षक, वफादार, शरारती, चंचल और प्यारे होते हैं। वास्तव में, हम में से कई लोग उनके साथ का आनंद लेते हैं, उन्हें नियमित रूप से खिलाते हैं, और उन्हें पसंद करते हैं।

लेकिन जब बात इन्हें अपनाने की आती है तो हम अक्सर इससे बचते हैं। शायद इसलिए कि हम में से बहुत से लोग ज्यादातर भारतीय चीजों को नीची नजर से देखते हैं - चाहे हमारी भाषा हो, हमारी त्वचा का रंग हो, हमारा पिछला इतिहास हो, या संस्कृति हो। शायद यह हमारी गुलाम मानसिकता का एक और लक्षण है - एक हजार साल से अधिक की गुलामी का दुष्परिणाम।

लेकिन कुछ भारतीय हैं जिनका आत्म-सम्मान इतना संवेदनशील नहीं है, और उनमें किसी भी कुत्ते को अपनाने का पर्याप्त आत्मविश्वास है, बिना इस बात की परवाह किए कि दूसरे क्या सोचेंगे। यदि आप उन आत्माओं में से एक हैं, तो आपको हमारा सलाम महोदय/महोदया !

वैसे भी, हमें हमेशा पालतू जानवर के मामले में गोद लेने को तरजीह देनी चाहिए, न कि उसे खरीदना चाहिए। जब हमारी सड़कों पर इतने कुत्ते हैं, कि हम किसी भी कुत्ते को आसानी से गोद ले सकते हैं, तो फिर उन्हें खरीदें क्यों। यह अवैध भी नहीं है, जैसा कि भारत में कुछ अन्य जंगली जानवरों को अपनाने के मामले में है (उदाहरण के लिए भारतीय जंगली तोते को अपनाना अवैध है)। कुत्तों को जंगली जानवर नहीं माना जाता है और इसलिए उन्हें गोद लिया जा सकता है।

नोट

कई पिल्ले जिन्हें हम भारी कीमत पर खरीदते हैं, अक्सर बहुत जल्द मर जाते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जिस तरह से वे पैदा किये जाते हैं वह मानवीय नहीं है। उनकी माताओं को अस्वच्छ परिस्थितियों में रखा जाता है, और अत्यधिक पिल्लों को जन्म देने के लिए बाध्य किया जाता है। इससे नवजात पिल्ले कमजोर हो जाते हैं। वे अक्सर अपने जीवन के पहले वर्ष में ही मर जाते हैं। बिक्री के उद्देश्य से, पिल्लों के इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाली जगहों को पिल्ला फार्म, पिल्ला मिल्स, या डॉग फैक्ट्री (Puppy Farms, Puppy Mills, or Dog Factory) कहा जाता है।

हम सभी ने गली के कुत्तों को कुछ लोगों द्वारा प्रताड़ित होते, सरकारों द्वारा मारे जाते, और चरम मौसम की स्थिति में तंग होते देखा है। क्यों न कुछ ऐसी आत्माओं को ऐसे दर्दनाक जीवन से बचाया जाए।

नोट

हालांकि अधिकांश भारतीय गली के कुत्तों के बाल (फर) भारी नहीं होते हैं, और यह कुछ कुत्ते प्रेमियों निगाह में एक नकारात्मक बिंदु हो सकता है।

चूंकि, अब हम कानूनी और नैतिक पहलुओं पर स्पष्ट हैं, तो आइए व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा करते हैं।

देसी पिल्ले/कुत्ते को अपनाने के फायदे और नुकसान

कुछ व्यावहारिक मुद्दे भी हैं, जिन पर हमें सड़कों से पिल्ला या कुत्ते को गोद लेते समय विचार करने की आवश्यकता है।

होशियार और वफादार कुत्ते

भारतीय स्ट्रीट डॉग काफी स्मार्ट, वफादार और चंचल होते हैं। यदि उन्हें रहने के लिए एक अच्छा वातावरण दिया जाता है, तो वे अपने व्यक्तित्व की सर्वोत्तम विशेषताओं का प्रदर्शन करते हैं।

वे बहुत जल्द अपने मालिकों से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं, और इसलिए सुरक्षा कुत्तों के रूप में बहुत अच्छी तरह से काम कर सकते हैं। चूंकि वे सड़क के कुत्ते हैं, वे स्वाभाविक रूप से स्मार्ट और सतर्क होते ही हैं।

अगर आप उन्हें स्वच्छ रखेंगे, और संवारेंगे तो ये अच्छे भी लगेंगे। वे विभिन्न रंगों में आते हैं, इसलिए इनमें बहुत विविधता भी है। कुछ गली के कुत्ते मिश्रित नस्ल के भी होते हैं, जिनके फर सुंदर और बनावट गठीली होती है।

बालों का कम झड़ना

बहुत मोटी फर वाली कई विदेशी नस्लों के विपरीत, भारतीय स्ट्रीट डॉग स्वाभाविक रूप से हमारी जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल होते हैं। तो, इन देसी कुत्तों की नस्लों के बाल कम झड़ते हैं।

उन्हें पालना भी आसान है। खाने को लेकर भी ये ज्यादा उधम नहीं मचाते हैं। उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छी होती है, और वह लगभग किसी भी भोजन को पचा सकते हैं। हम जो भी खाते हैं, वह उसे खाने में परहेज नहीं करते|

माता-पिता और दोस्तों का मुद्दा

यदि आपने अपनी गली से कोई पिल्ला अपनाया है, तो शायद उसके माता-पिता इसकी सराहना न करें, खासकर शुरुआत में। वे स्थिति को गलत तरीके से समझ सकते हैं - उनको यह लग सकता है की उनका पिल्ला खतरे में है। इसलिए, वे आप पर हमला भी कर सकते हैं, अगर वे आपको अच्छी तरह से नहीं जानते हैं।

इसलिए, यदि आप कोई पिल्ला गोद ले रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि उससे पहले आप उसके माता-पिता से अच्छी तरह दोस्ती कर लें। उन्हें आपके साथ सहज होना चाहिए, और आप पर भरोसा करना चाहिए। साथ ही, उनके परिवार को अचानक से अलग न करें। उन्हें रोज कुछ समय के लिए मिलने दें।

चेतावनी

कभी भी बहुत छोटे पिल्ले को न अपनाएं। उन्हें उस अवस्था में मां के प्यार, देखभाल और दूध की जरूरत होती है। साथ ही, उस अवस्था में माँ अपने पिल्लों को लेकर सबसे अधिक सुरक्षात्मक रवैया अपनाये होती है। यदि आप उस समय उसके पिल्लों के पास जाते हैं, तो वह आपको काट सकती है, भले ही वह आपको अच्छी तरह से जानती हो। अतः, सावधान रहे!

हालाँकि, शुरुआती कुछ महीने (3-4 महीने) एक गली के कुत्ते के जीवनचक्र में सबसे कमजोर चरण भी होते हैं। अधिकांश पिल्ले 6 महीने की उम्र से पहले ही मर जाते हैं - कुछ मौसम के कारण, कुछ अन्य कुत्तों द्वारा मारे जाते हैं, आदि।

इसलिए, आपको उपस्थित परिस्थितियों के आधार पर सही निर्णय स्वयं लेने की आवश्यकता होगी।

अगर आप किसी बड़े कुत्ते को गोद ले रहे हैं, तो आपके लिए उसे उसके गली के दोस्तों से अलग करना मुश्किल हो सकता है। तो, ऐसे में उसे बाहर जाने दीजिये और अपने दोस्तों से घुलने-मिलने दीजिये, जैसे वह पहले करता था। कुत्ते को उसके सामाजिक समूह से अचानक अलग करना अमानवीय होगा।

हालाँकि, यदि आप अपने पिल्ले या कुत्ते को उसके माता-पिता, परिवार और दोस्तों के साथ घुलने-मिलने दे रहे हैं, तो स्वच्छता एक समस्या बन सकती है। गली के कुत्ते स्नान नहीं करते हैं, और उनके बालों में टिक (कीड़े) होते हैं। उनके साथ खेलने का मतलब होगा कि आपका कुत्ता उन कीड़ों को अपने साथ घर ले आएगा।

रेबीज एक अन्य स्वास्थ्य खतरा है। इसलिए, जिस कुत्ते को आप गोद ले रहे हैं, उसे जल्द से जल्द टीका लगवाएं। हो सके तो उसके दोस्तों और परिवार वालों को भी टीका लगवाएं। इस उद्देश्य के लिए आपको पशु चिकित्सक के पास कई बार जाना पड़ सकता है।

नोट

कुछ लोग गोद लेने के आंशिक रूप को भी आजमाते हैं। यानी वे पूरे समय और पूरी तरह से कुत्ते को पालते नहीं हैं, बल्कि उसे रोजाना नियमित रूप से खाना खिलाते हैं। वे उन्हें पोर्च या अपने बगीचे के अंदर भी जाने देते हैं, और उनके लिए आश्रय बनाते हैं (विशेषकर जब मौसम बहुत गर्म, अथवा ठंडा हो, या बारिश हो रही हो)।

सुरक्षा का मसला

आपके गोद लिए हुए गली के कुत्ते को कोई व्यक्ति सामान्य गली का कुत्ता समझ सकता है। मान लीजिए आपके क्षेत्र की नगर पालिका गली के कुत्तों को पकड़ रही है तो आपका कुत्ता भी गलती से पकड़ में आ सकता है।

अगर आप स्ट्रीट डॉग को गोद ले रहे हैं तो उसके गले में कॉलर जरूर लगाएं। वह कॉलर किसी को भी यह स्पष्ट कर देगा कि वह एक पालतू कुत्ता है। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप अपना पता उसके कॉलर में लिखें।

उपसंहार

तो, अब आप स्ट्रीट पपी/कुत्ते को अपनाने के सभी फायदे और नुकसान जानते हैं। स्पष्ट रूप से, फायदे बहुत अधिक और नुकसान बहुत कम हैं। आगे बढिये, और एक देसी पिल्ला अपनाईये, या कम से कम उनका ख्याल तो रखिये ही - उन्हें आश्रय प्रदान करें, उन्हें भोजन दें, संकट में उनकी मदद करें।

यदि आपको किसी सभ्यता को परिपक्वता के स्तर पर आंकना है, तो देखें कि वह कमजोर लोगों के साथ कैसा व्यवहार करती है, जिसमें सड़क के जानवर शामिल हैं। इस बात की परवाह न करें कि लोग क्या सोचेंगे। सही तरह के लोग इस कार्य के लिए हमेशा आपको सम्मान देंगे, और सराहना करेंगे।

और निश्चित रूप से वह प्यार, जो आपको अपने नए चार-पैर वाले दोस्त से मिलेगा! आपके इस काम की सबसे अच्छी बात तो यही होगी !

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